तेरी रहमतोने सदा है बचाया,
बहोत तूटा फिरभी बिखरने न पाया.
जिधर मै गिराथा उधरसे उठाया,
कदम दर कदम फिर संभलना सिखाया.
कभी बेदिलीसे कभी बेरुखीसे,
तेरा नाम मैने न दिलसे जपाया.
ये अंधेरा तूने यूंही ना दिखाया,
मुझे मेरे मालिक मुझसे मिलाया.
ये चंदनसा जीवन बहोत काम आया,
किसीने घिसाया किसीने जलाया.
न आवाज कोई सुनाई कहींभी,
लगा फिर मुझे क्युं तुम्हींने बुलाया.
उदासीके बादल बिखरसे गये है,
तेरा गीत गानेमें "आनंद" आया.
विनोद नगदिया (आनंद)
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