સોમવાર, નવેમ્બર 27, 2023

पता नहीं मुझे

 






मेरे शहर का मौसम तो ठीक ठाक है

तेरे शहर का हाल पता नहीं मुझे ।


मेरी रातें संवरती है तेरे ख्वाबों से,

तेरी रातों की चाल पता नहीं मुझे।


नर्तनभी मेरे खून में बस तेरे नामसे है,

तेरी धडकनों का ताल पता नहीं मुझे।


गुजरेथे उस गलीसे डबडबेसे हम,

वो कौनसी थी साल पता नहीं मुझे।


मेरी तो जिंदगी बस तार तार है,

क्या हुआ तेरे नाल, पता नहीं मुझे।


विनोद नगदिया (आनंद)




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