સોમવાર, ડિસેમ્બર 17, 2018

आ गई

गिला था जो तुमसे वो अब नहीं रहा,
गमे जिंदगी यूंही रास आ गई.
 
न  कोइ गम था न ऐसी खुशीथी कोइ,
बे-तहाशा मगर उनकी याद आ गई.
 

विनोद नगदिया (आनंद)

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